harshad brahmbhatt
इस बार वाकई ये दोहा अपने शाब्दिक रूप में चरितार्थ हो रहा है "गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाँय" टीचर्स डे और जनमाष्टमी की ढेर सारी शुभकामना!
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