भूकंप सिर्फ धरती के नीचे नहीं आता है, धरती के ऊपर वालों के भीतर भी आता है। उसके लौट जाने के बहुत बात तक हम हिलते रहते हैं। दसवीं मंज़िल का मकान आसमान से भले बातें करता होगा लेकिन आज लगा कि ऊंची इमारतें ज़मीन की मेहरबानी से आसमान से बातें करती हैं। तूफ़ान में कोई पेड़ भीतर तक कितना कांपता होगा, अपना घर कांपा है तो ऐसे ख़्यालों का वबंडर उठ रहा है।
Sunday, April 26, 2015
Hdb
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